कुण्डग्राम
अंतिम तीर्थंकर भगवान श्री महावीर स्वामीकी जन्मभूम बनने का जिसे अवसर मिला, उस ग्राम का नाम है, कुण्डग्राम।
कुण्डग्राम वैशाली के 700 जनपदों मे से एक प्रमुख जनपद था । यहाँ भगवान महावीर स्वामी के पिता श्री महाराज सिद्धार्थ राज्य करते थे, जिनकी महारानी का नाम प्रियकारिणी था, जिन्हें त्रिशला के नाम से भी जाना जाता है।
महाराज सिद्धार्थ और महारानी त्रिशला की अखंड साधना, सदाचारिता आदि अनेक गुणों के फलस्वरूप उन्हे भगवान के माता-पिता बनने का सौभाग्य मिला । भगवान के जन्म से माता-पिता तो धन्य हुए ही, कुण्डग्राम की माटी भी चंदन हो गई ।
आज आप कुण्डग्राम नामक इस भवन मे रुकने जा रहे हैं, यह आपका सौभाग्य है । इस भवन मे रहते हुए आप कुण्डग्राम की खुशबु को महसूस करें । इसी भावना के साथ कुण्डग्राम मे आपका स्वागत है, अभिनन्दन है। जय जननी - जय जन्मभूमि